हिन्दू प्रगति कैसे करेंगे --
हिन्दू प्रगति कैसे करेंगे --
आज हिन्दू धर्म व देश की रक्षा को लेकर हर हिन्दू चिंतित दिखाई दे रहा है।
डॉ हेडगेवार की धारणा थी कि हिन्दूओं को अपनी रक्षा के लिए खुद अपने समाज की मदद लेनी होगी।
क्या आप भी चिंतित हैं?
यदि हां,तो इस चिंता को दूर करने के लिए क्या कोई योजना है यदि कोई हो तो मुझे सूचित करें।
आर एस एस के बाद नये संगठन की जरूरत क्यों है।
1.क्योंकि बातों से पेट नहीं भरता है।
2.भिक्षा लेने से जिंदगी नहीं चलती है।
3.क्या भिक्षा देने से जिंदगी रुक जायेगी।
4.भिक्षा देने वाला अच्छा है या लेने वाला।
गरीबों का सहयोग भिक्षा दे कर करने की तुलना में उनका इतना सहयोग कर दें कि वह स्वयं भिक्षा देने और अपनी उधारी चुकाने में स्वयं सक्षम हो सके।
यह काम सरकार व बैंक करते हैं लेकिन ब्याज दर, उसकी वसूली के तरीके, भ्रष्टाचार व पुलिस, यह सब मिल कर हिन्दूओं को कंगाल कर रहे हैं।
अब यह काम हिन्दू संस्था को करना होगा (डॉ हेडगेवार की धारणा थी कि हिन्दूओं को अपनी रक्षा के लिए खुद अपने समाज की मदद लेनी होगी।)
लेकिन आसान नहीं है कारण है लोन डिफाल्टर हो जाना तब उसे सहयोग करना वसूली को छोड़ देना ब्याज मुक्त करना आदि।
इसमें चालाकी भी कुछ लोग करेंगे लेकिन कितने लोग। कुछ हिन्दू तो ईमानदार होंगे या सभी बेइमान है।
अगर हिन्दू संस्कारों से 100% बेइमान हिन्दू तैयार होते हैं तो धिक्कार है ऐसे संस्कारों को, ऐसे धर्म को। फिर तो ईसाई या मुसलमान धर्म ही बेहतर है समाज के लिए। ये सभी जकात देते हैं।
मैं इस डर को खत्म करना चाहता हूं कि सब हिन्दू बेईमान हैं।
उसके लिए चिंता फ्री एक स्कीम है।
इंश्योरेंस की तरह यह हिन्दूत्व शक्ति दिलाने का बीमा है। लेकिन
आप देंगे 1 रुपया रोज और जब 500000 से ज्यादा लोग होंगे यह तब लागू हो सकेगा।
सभी इंश्योरेंस कम्पनी का सिस्टम यही है
लेकिन मैं इंश्योरेंस नहीं कर रहा हूं आपसे उधार मांग रहा हूं
लेकिन प्रश्न एक है कि
क्या 1 रुपए का दान दें पायेंगे। देने वाले का पैसा होगा महीने में 30 रु साल में 365 रुपये। इतना तो एक भिखारी भी दे सकता है।
सारी समस्या यहीं पर है कि 1 रुपये रोज अगर 1000 लोग जमा करेंगे तो कुछ नहीं हो सकता। सारा पैसा वापस कर देंगे।
संगठन के लिए योजना की जरूरत क्यों।
हम हिन्दू लोग बहुत बहादुर हैं ईमानदार हैं दयालु हैं स्वाभिमानी होते हैं यह दुनिया में किसी से छिपा नहीं है। कारण है हिन्दू संस्कार।
लेकिन कहावत तो सुनी होगी कि झुंड तो कुत्तों के होते हैं शेर तो अकेले ही शिकार करते हैं।
सही है आज भी एक शेर शहर में आ जाए तो कर्फ्यू लगा जाता है और कुत्ते तो भौंकते रहते हैं कोई चिंता नहीं करता।
सही है पर आज दुनिया से विलुप्त होने की कगार पर कुत्ते हैं या शेर।
मिशन पूरा करने में सहयोग चाहिए होता है गैंग चाहिए बड़ा संगठन
80 करोड़ में सिर्फ 1 करोड़ लोग साथ हो जायें तो 10 करोड़ परिवारों की ग़रीबी हर महीने दूर की जा सकती है।
इच्छा शक्ति, ईमानदारी और आपसी भरोसा या विश्वास और तीन साल का समय मिल जाए,
तो हर साल 1 नया जापान भारत में बनेगा श्री लंका और चीन शब्द हमें डरा नहीं पायेंगे।
हमारी पूरी योजना जानने हेतु क्लिक करें नीचे दिए लिंक पर।
http://khapperbaba.blogspot.com/2022/07/0.html
अगर कोई योजना किसी के पास नहीं है
तो,
एक योजना है मेरे पास जिसमें 1900 से ज्यादा मेंबर बन चुके हैं और बहुत सारे नये बनाने है।
आप भी आमंत्रित हैं। कृपया पूरा पढ़ कर सहयोग करें मेंबर बनें व अपने मित्रों को बना कर लाभ उठायें।
मित्रों एक भारतीय वैज्ञानिक ने फ्री बिजली का प्लांट बनाया है अक्टूबर 2021 में लेकिन कोई उसको यूज करने वाला नहीं है।
दूसरी तरफ,
चीन दुनिया में आज आगे इसलिए है कि वहां नई तकनीक व उपकरण बहुत तेजी से बनाये जाते हैं वह प्रयोग किये जाते है। उनमें सुधार भी होते रहते हैं।
इंग्लैंड व फ्रांस जापान विश्वशक्ति इसीलिए बन पाये हैं।
जेम्स वाट के रेल इंजन को बनाने में 8 लोग दिवालिया हो गये थे 9वें के सहयोग से सफलता मिली।
अपने समाज की प्रगति करने के लिए मुस्लिम चंदा या जकात जमा करते हैं बैतुलमाल में, और ईसाई वैटिकन सिटी में जो आगे जनता को बिना ब्याज के उधार में दिया जाता है वह धर्म प्रचार में खर्च होता है।
72000 करोड़ रूप से भी ज्यादा
सालाना हिन्दू मंदिरों से एकत्र होता है जो सरकारी खजाने में जमा होता है।
लेकिन उससे मौलवियों को वेतन मदरसों को मदद और हज यात्रा में बांट दिया जाता है।
हम हिन्दू लोगों के पास कोई योजना नहीं है
जकात की,
जमा करने की,
खर्च करने की,
अपनी हिन्दू कम्युनिटी के सहयोग वा उत्थान करने की।
और इन समस्याओं का समाधान करने का काम आर एस एस कर सकते हैं वह भी 15 दिन में।
लेकिन वहां मैंने 1990 से जून 2022 तक कई बार लेटर, ईमेल, ट्विटर पर मैसेज किया कोई जवाब नहीं दिया गया।
अब मैं स्वयं सक्षम संगठन बनाने की कोशिश कर रहा हूं अगर कोई व्यक्ति या संगठन सहयोग करना चाहते हैं तो ईमेल करें।
क्या भारत का भविष्य इस्लाम में ही है।
क्या सब हिन्दू, मुसलमान या ईसाई बनने के बाद ही संगठित होना सीख सकते हैं।
क्या हिन्दू मुस्लिम या ईसाई बनने के बाद जकात देने से मना कर पायेंगे।
जकात 2.5% या 100पर 2.50 रू।
सक्षम लोग पता नहीं क्यों चुप हैं मेरी सोच ग़लत है या सही कृपया मुझे ईमेल जरुर करें में 200 रु 1 ईमेल पर देने का वादा करता हूं।
ईमेल आईडी है
khapperbaba999@gmail.com
अगर आपके पास कोई योजना नहीं है। तो
हमारी टीम ने एक योजना बनाई है।
01.इसीलिए आपसे कर्जा मांग रहा हूं बहुत ज्यादा नहीं
सिर्फ 1 रु रोज।
02.आपको 1 रू रोज देने में शायद कोई कष्ट नहीं होगा।
03.इतना तो एक भिखारी भी दे सकता है।
04.अब जब हर रोज मुझे पैसा मिलता रहेगा तो भागने की क्या जरूरत।
05. आप हमें रोज भिक्षा में 1 रू देंगे तो हमें भी इसे जरुरतमंद को देने में मुझे कोई कष्ट नहीं होगा लेकिन हम नये हिन्दू बिजनेस जेहाद की शुरुआत कर सकेंगे।
और बिजनेस जेहाद हमें सभी जेहाद का मुकाबला करने में सक्षम बना सकता है।
और हम एक नया जापान
हर साल में बना सकते हैं।
सब कुछ निर्भर है मेंबरों की संख्या पर और
हमारी पूरी योजना जानने हेतु क्लिक करें नीचे दिए लिंक पर।
यहां अधिक जानकारी के लिए दबायें http://khapperbaba.blogspot.com/2022/07/0.html
आपसे उधार लिया धन कैसे और कहां खर्च करेंगे
कोई हिन्दू बिजनेस में फेल न हो आत्महत्या न करे कहीं शासन से जब निराश हो तब हम सब उसकी सहायता कर सकें। हर सैनिकों के शरीर पर बुलेटप्रूफ जैकेट हो।
हम चंदे से बिजनेस जेहाद छेड़ना चाहते हैं।
आनलाइन फालोअर शिप
सबकी 2 करोड़ में हो
तो कैसा लगेगा।
आपका 1 रुपया रोज बहुत कुछ कर सकता है।
चीन आयात कम करने वाले बिजनेस में और हिन्दू उत्थान या कहें देश उत्थान में लगेगा।
हम आज भी अपने राजा से आशा करते हैं सहायता की तब जरुरत नहीं होगी।
हिन्दूओं की सोच भी पुरानी है वैदिक काल की, कि जब दुनिया में हिन्दू धर्म अकेला था और राजा का राज होता था और वोट डालने की राजनीति नहीं थी।
जबकि ईसाई मुसलमान दोनों को यहां रहने की बात सोचते ही, यहां पर हमारा राज कब होगा, यह विचार तुरन्त आया तो उनकी योजनाएं भी बन गयीं।
जिसमें जिहाद था भूमि,लव, बिजनेस,खेत धर्म परिवर्तन और राजनीति। उनके मंसूबे और योजनाएं हिन्दू विरोध पर तैयार की हुई हैं और बहुत तेजी से काम कर रही है।
हमें उनसे टकराने के लिए बहुत तेजी से काम करना होगा, संगठन जल्द बनाना होगा,
ये अस्तित्व की अनकही छिपी हुई जड़ काटने की लड़ाई है।
जिसमें हम बचाव पक्ष में है विरोधी आक्रामक हैं, और जीत हमेशा आक्रमणकारी की होती है।
हमें मेल करे।
ईमेल आईडी हैं
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